अपना बलरामपुर
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अपना बलरामपुर
बलरामपुर संछिप्त परिचय
छत्तीसगढ़ का सुदूर उत्तर-पूर्वी बलरामपुर-रामानुगंज जिला अपने सांस्कृतिक वैविध्य तथा प्रकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है । झारखंड उत्तर प्रदेश तथा मध्यप्रदेश की सीमा से लगने वाले बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की संस्कृति और नाइसग्रीकता लोंगों को अनायास ही आकर्षित करती है । छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा डिपाडीह का पुरातात्विक स्थल, पवई का जल-प्रपात, ततापनी का गर्म जल स्रोत,कंहर की बहती जलधारा हो, पाट क्षेत्रों की साओंदर्यता हो या फिर यहाँ की जनजाति संस्कृति, बलरामपुर को एक विशिस्ट पहचान देता है । अविभाजित सरगुजा से अलग होकर 17 जनवरी 2012 को अस्तित्व मे आया बलरामपुर-रामानुजगंज जिला 602 हजार वर्ग किलोमीटर मे फैला है । जिले मे 8 तहसील,06 विकासखंड, 06 अनुभाग व 1 नगर पालिका व 04 नगर पंचायत शामिल है। जिले मे 468 ग्राम पंचायते व 636 गाँव है । तथा बलरामपुर-रामानुजगंज जिले का मुख्यालय बलरामपुर मे स्थित है । 2011 की जनगणना के अनुसार बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की जनसंख्या 730491 है । जिसमे पुर्षों की जनसंख्या 370256 एवं महिला जनसंख्या 360235 है । जिले की 695808 आबादी गाँव मे तथा 34683 लोग शहर मे निवास करते है । जिले का साक्षारता दर 57.98 प्रतिशत है, जिसमे पुरुष साक्षारता 67.78 प्रतिशत तथा महिला साक्षारता 47.93 प्रतिशत है । जिले की बड़ी आबादी जनजाति समुदाय का है जिसमे प्रमुख रूप से विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा, कोरवा व पंडो, निवास करती है, साथ ही साथ नागेशीय, खैरवार, कोड़ाकू, गोंड,उरांव जंजातियाँ रहतीं हैं । बलरामपुर जिला पर्यावर्डिय दृष्टिकोण से भी महत्व पूर्ण स्थान रखता है, यंहा का लगभग 54 प्रतिशत क्षेत्र वनाच्छादित है जो यंहा के रहवासियों को एक सुखद अनुभव प्रदान करता है ।
स्रोत - www.balrampur.gov.in
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